शुक्रिया
Thursday, November 10, 2011
जेब अगर बाहर से फटी हो,
तो समझना पैसा था,
मगर काट ली है किसी जेब कतरे ने,
पैसों की तलाश में,
जेब अगर अंदर से फटी हो,
तो समझना, अपना ही कोई हाथ था उसे फाड़ने में,
पैसों की तलाश में...
"Sandeep Zorba"
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